पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक और मामला दायर
तीन बार प्रधानमंत्री रहे 70 वर्षीय शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है. वह अभी इलाज कराने लंदन गए हुए हैं. प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किए गए शरीफ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के किसी भी सम्मन और सवालों का जवाब नहीं दिया है, इसलिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया और ब्यूरो ने उन्हें घोषित अपराधी करार देने के लिए जवाबदेही अदालत का रुख किया है.
एनएबी द्वारा दायर मामले में नामजद तीन अन्य आरोपी जांग/जियो मीडिया समूह के मालिक मीर शकीलुर रहमान, लाहौर विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व निदेशक हुमायूं फैज रसूल और पूर्व निदेशक (भूमि) मियां बशीर हैं.
ऐसा आरोप है कि 1986 में जब शरीफ पंजाब के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर मीर शकीलुर रहमान को लाहौर में 54 कनाल भूमि आवंटित की.
रहमान को 12 मार्च को एनएबी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह न्यायिक रिमांड पर हैं.
शरीफ और एलडीए के दो अधिकारियों पर नियमों का उल्लंघन कर रहमान को नहर के निकट की कीमती जमीन आवंटित करने के लिए पद का दुरुपयोग करने का आरोप है.
लाहौर उच्च न्यायालय से इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति मिलने के बाद शरीफ नवंबर में लंदन गए थे. उन्होंने चार हफ्तों के भीतर या डॉक्टरों द्वारा स्वस्थ घोषित किए जाने के फौरन बाद पाकिस्तान लौटने के लिए अदालत को शपथ-पत्र दिया था.
‘बीमार’ चल रहे शरीफ के लंदन के एक कैफे में अपने परिवार के साथ चाय पीते हुए ली गई तस्वीर पिछले महीने सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर बहस छिड़ गई. सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करने के लिए शरीफ के वापस लौटने की मांग कर रहे हैं.
शरीफ को अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में जमानत दे दी गई थी, जिसमें वह कोट लखपत जेल में सात साल कैद की सजा काट रहे थे. उन्हें विदेश जाने के लिए धनशोधन के एक मामले में भी जमानत दी गई थी.
शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कहा था कि उनके पिता उच्च जोखिम वाले मरीज हैं, इसलिए कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण उनकी सर्जरी टाल दी गई है.
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