पीएम मोदी ने किया कोविड-19 जांच की तीन अत्‍याधुनिक प्रयोगशालाओं का शुभारंभ

प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षणों की संख्‍या अधिक होने से संक्रमण का तेजी से पता लगाने और शीघ्र उपचार करने में मदद मिलेगी। इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि ये प्रयोगशालाएं सिर्फ कोविड के परीक्षण तक ही सीमित नहीं रहेगी और भविष्‍य में इनका इस्‍तेमाल हैपटाइटिस बी और सी, एचआईवी, टीबी और डेंगू की जांच के लिए किया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के समय पर किये गये उपायों की बदौलत कोविड से होने वाली जन हानि के मामले में भारत की स्थिति अन्‍य देशों की तुलना में बेहतर है। रोगियों के स्‍वस्‍थ होने की दर भी अन्‍य देशों से बेहतर है। उन्‍होंने कहा कि भारत में स्‍वस्‍थ होने वाले रोगियों की संख्‍या करीब 10 लाख हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लिए यह आवश्‍यक है कि तीव्र गति से कोरोना संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य ढांचा विकसित किया जाए। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार ने इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये की वित्‍तीय सहायता प्रदान की है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में अब 11 हजार से अधिक कोविड चिकित्‍सा केन्‍द्र है और 11 लाख से अधिक पृथक बिस्‍तरों की व्‍यवस्‍था है।

परीक्षण प्रयोगशालाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा जनवरी में कोविड परीक्षण के लिए केवल एक प्रयोगशाला थी, जबकि देश में अब ऐसी करीब एक हजार तीन सौ प्रयोगशालाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि देश में हर रोज पांच लाख से अधिक नमूनों की जांच की जा रही है और आने वाले हफ्तों में यह क्षमता बढ़ाकर 10 लाख करने के प्रयास किये जा रहे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अब पीपीई किट बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता बन गया है। उन्‍होंने कहा कि छह महीने पहले हमारे यहां एक भी पीपीई किट विनिर्माता नहीं था, जबकि आज इसके लिए एक हजार दो सौ से अधिक विनिर्माता हैं।

उन्‍होंने यह भी कहा कि एन-95 मास्‍क के मामले में भारत आयात पर निर्भर था, जबकि देश में अब हर रोज तीन लाख से अधिक ऐसे मास्‍क बनाए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि देश में वेंटीलेटरों के उत्‍पादन की वार्षिक क्षमता भी बढ़कर तीन लाख हो गई है और मेडिकल ऑक्‍सीजन सिलेंडरों के उत्‍पादन में भी महत्‍वपूर्ण इजाफा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि इन सभी उपलब्धियों से भारत को लोगों का जीवन बचाने में मदद मिली है और भारत इन उत्‍पादों के आयातक से निर्यातक बन गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड का फैलाव रोकने के प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में भी मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य ढांचे को नई स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में बदलने की आवश्‍यकता है।

नोएडा और कोलकाता के अलावा मुंबई उन उच्‍च क्षमता वाली कोविड-19 परीक्षण सुविधा केन्‍द्रों का लाभार्थी बनने वाले शहरों में शामिल है, जिनका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए किया है। इस अवसर पर श्री मोदी ने तीनों राज्‍यों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस वर्ष जनवरी में केवल एक परीक्षण प्रयोगशाला थी। सरकार की 15 हजार करोड़ रूपए की वित्‍तीय मदद से देश में कोविड-19 से निपटने के लिए देश में मजबूत बुनियादी स्‍वास्‍थ्‍य ढांचा तैयार हो गया है।



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