केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के ब्यूरो की बैठक की वर्चुअल रूप से अध्यक्षता की
बैठक की कार्यसूची में 32वें सत्र के कार्यक्रम बजट और प्रशासन समिति तथा 73वीं विश्व स्वास्थ्य एसेंबली के सत्र को फिर शुरू करने और 147वीं कार्यकारी बोर्ड की तिथियां तय करना शामिल है।
बैठक के प्रारंभ में डॉ. हर्ष वर्धन ने कार्यकारी बोर्ड के ब्यूरो की पहली बैठक में उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए उनके कोविड-19 की महामारी के दौरान स्वस्थ रहने की कामना की। उन्होंने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और अग्रमि पंक्ति पर कार्य कर रहे चिकित्सा कर्मियों के प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया।
वैश्विक संकट-19 की शुरूआत को याद करते हुए उन्होंने कहा “लगभग 4 महीने पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया था। कोविड-19 से लगभग 17 मिलियन लोग संक्रममित हुए हैं और विश्वभर में 6 लाख 62 हजार से अधिक लोगों की बहुमूल्य जाने गई हैं। विश्व की अर्थव्यवस्था को इससे व्यापक नुकसान हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा “विश्व को स्वास्थ्य के महत्व और संचारी तथा गैर संचारी रोगों के खतरे और जोखिम से निपटने के लिए देशों के बीच बेहद सहयोग की आवश्यकता का अब आभास हुआ है। वैश्विकरण के इस युग में जब विश्व समूची मानवता का घर है, ऐसे समय में किसी भी बीमारी के फैलाव की चुनौती बहुत बड़ी हो जाती है क्योंकि कोई रोग, देशों की सीमाओं के बीच रहने वालों में कोई भेद-भाव नहीं करता।”
डॉ. हर्ष वर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्यों से अपील की “वे वैश्विक कार्रवाई को सक्रिय और सचल बनाने के लिए बहुक्षेत्रीय सहयोग की व्यवस्था बनाएं और संचारी तथा गैर संचारी रोगों से कारगर रूप से निपटने के लिए आपस में सहयोग करें।” उन्होंने कहा कि महामारी के बाद के दौर में नई चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए नवाचार के तरीकों का पता लगाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हमें नई चुनौतियों के प्रबंधन में मिलकर काम करने और अत्यंत संवेदनशील बनने की आवश्यकता है ताकि समय पर, पर्याप्त समन्वित वैश्विक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
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