प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्देश
राष्ट्रीय ध्वज को लेकर हो जागरुकता
गृह मंत्रालय के परामर्श में दोहराया गया है कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में इसे सम्मान का स्थान मिलना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सार्वभौमिक आदरभाव, सम्मान और विश्वास होना चाहिए। गृह मंत्रालय के मुताबिक लोगों या संगठनों में राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन में कानून, व्यवहार और परम्परा के प्रति जागरूकता में कमी देखी जाती है। परामर्श में यह निर्देश दिया गया है कि इस संबंध में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए।
नहीं हो प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल
गृह मंत्रालय के ध्यान में यह बात आई है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के अवसर पर कागज के बने राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाता है। प्लास्टिक से बने ध्वज कागज से बने ध्वज की तरह स्वभाविक तरीके से नष्ट नहीं होते। ऐसे में ध्वज की गरिमा को देखते हुए प्लास्टिक से बने ध्वज व्यावहारिक समस्या है। परामर्श में कहा गया है कि राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के अवसर पर भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के प्रावधानों के अनुसार केवल कागज से बने ध्वज का उपयोग किया जाना चाहिए। कागज से बने झंडों का तिरस्कार नहीं किया जाना चाहिए और आयोजन के बाद इसे जमीन पर नहीं फेंका जाना चाहिए। राज्यों को ये सलाह भी दी गई है कि इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया में प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग को रोकने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
संवाददाता सुधाकर दास की रिपोर्ट
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