प्रधानमंत्री जनधन योजना के पूरे हुए छह साल, जन धन खातों की संख्या 40 करोड़ के पार

देश के गरीबों के लिए पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2014 को एक सपना देखा था। सपना था उन करोड़ों गरीब परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने का। इसी इरादे से उन्होंने 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरु की थी। गरीबों के वित्तीय समावेशन के लिए शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना को शुक्रवार छह साल पूरे हो गए हैं। शून्य से शुरु हुआ ये सफर आज देश में अपनी अनोखी पहचान बना चुका है। बीमा सुविधा, डिजिटल पेमेंट, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर जैसी क्रांतिकारी सुविधाओं ने इस खाते को देश के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के लिए एक अहम साथी बना दिया है ।

इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा -
प्रधानमंत्री जन धन योजना की बदौलत कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। ज्यादातर लाभार्थी ग्रामीण इलाकों से है महिलाएं हैं। मैं उन सभी की भी सराहना करता हूं जिन्होंने पीएम-जेडीवाई को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने योजना के लिए पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा कि इसी योजना से कोरोना आपदा में करोड़ों गरीबों को सहायता राशि पहुँचाई।  उन्होंने ट्विटर पर लिखा-
नरेंद्र मोदी जी ने अपनी दूरदर्शी सोच से 'जन धन योजना' की शुरुआत की जिसके कारण दशकों से बैंकिंग प्रणाली से वंचित गरीबों को जन धन खाते के रूप में उनका अधिकार मिला। इस योजना से न सिर्फ गरीबों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचा बल्कि भ्रष्टाचार भी खत्म हुआ।
 

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जनधन योजना की छठी वर्षगांठ के अवसर पर कहा  कि - प्रधान मंत्री जन धन योजना से सरकार ने वंचितों को बैंकिंग सुविधा, असुरक्षितों को सुरक्षा और जरूरतमंदों को मदद पहुंचायी है।

कोविड के दौरान लॉकडाउन की प्रक्रिया में ऐसे करोड़ों खातों का इस्तेमाल लाभार्थियों को सीधे अकाउंट में सहायता पहुंचाने के लिए किया गया। अलग अलग योजनाओं में करीब 55,000 करोड़ की राशि बैंक खातों के जरिए पहुंचाई गई।

योजना के तहत देश के सरकारी बैंकों ने घर घर जाकर लोगों के जीरो बैलेंस पर खाते खोलने की अभूतपूर्व मुहिम को अंजाम दिया। पहले ही साल 17 करोड़ से ज्यादा अकाउंट खुले। आज 6 सालों में जन धन खातों की संख्या 40 करोड़ को पारकर चुकी है।  इस योजना के तहत खोले गए कुल खातों में से 63.6 फीसदी ग्रामीण इलाकों में खोले गए हैं। वहीं 55.2 फीसदी खाताधारक महिलाएं हैं। अगस्त 2020 तक खातों में जमा राशि 1 लाख 30, हजार करोड़ के स्तर को पार कर गई है।  जन धन खातों में औसत जमा की राशि में बढ़ोत्तरी देखी गई है। 

15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री ने देश में हर परिवार को बैंक खाता खोल कर देने का ऐलान किया तो किसी ने ये सोचा भी नहीं था कि इस एक अकेली योजना, भविष्य  में कैसे गरीब कल्याण का आधार बन जाएगी इस योजना सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि योजनाओं का पैसा जहां पहुंचना चाहिए , पूरी पारदर्शिता के साथ उन्ही के खाते में सीधे पहुंचता है बिना किसी बिचौलिये के।



https://ift.tt/eA8V8J
from DDNews Feeds https://ift.tt/2Db29Xm

Comments

Popular posts from this blog

खेलो इंडिया युवा खेल का तीसरा चरण अगले साल गुवाहाटी में

IPL 2019: मुंबई से आज भिड़ेगी कोलकाता

Raj Rajeshwar Yoga: क्या आपकी कुंडली में है राज राजेश्वर योग?