मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से जान-माल के भारी नुकसान की संभावना
देश के कई हिस्सों में मानसूनी बरसात कहर बरपा रही है, मध्यप्रदेश, उड़ीशा और बिहार में कई जगहों पर सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मध्य प्रदेश के 9 जिलों में 394 से ज्यादा गांवों में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई हुई है। राज्य में सबसे ज़्यादा बारिश अब तक होशंगाबाद, भोपाल, रतलाम और शाजापुर में रिकार्ड की गई है। राज्य में बाढ़ से कई हजार लोग प्रभावित हुए है। अब तक करीब सात हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई है। कई जगहों पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना को लगाया गया है। छिंदवाड़ा में बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्ट किया गया। मौसम खराब होने की वजह से बाढ़ पीडि़तों को मदद में दिक्कतें आ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव सहायता पहुंचाने का आदेश दिया है।
इससे पहले म.प्र. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बात कर राज्य में बाढ़ व बारिश के हालत की जानकारी साझा कि थी। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि" मैंने आज प्रात: काल माननीय प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी जी से चर्चा कर पूरी स्थिति की जानकारी दी है। उनका स्नेहपूर्ण समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद मिल रहा है।"
वहीं ओडिशा में भी कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं, जयपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, बारी ब्लॉक में हालात बहुत खराब हैं। सुवर्णरेखा, बुधाबंलंगा और बैतरणी नदी में पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है, हिराकुंड बांध के 46 गेट खोलकर बाढ़ का पानी निकाला जा रहा है। प्रभावित उलाकों में प्रशासन राहत पहुंचा रहा है।
महाराष्ट्र के नागपुर के ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, माहुली गांव में एक पुल बाढ़ में बह गया। इलाके में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी है, पुणे से चार एनडीआरएफ की टीम और भेजी गई हैं।
वहीं असम और बिहार में पहले से अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं, प्रभावित इलाकों में केन्द्र और राज्य के राहत और बचाव दल पीड़ितों को लगातार मदद पहुंचा रहे हैं।
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