राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित देशवासियों ने भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर जताया शोक

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए 'महामहिम' शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है। असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था.. 5 दशकों के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे। पूर्व राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है।  प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।

उप-राष्ट्पति वेंकैया नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी का निधन राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति है। देश ने एक दूरदृष्टा वरिष्ठ नेता खोया है। एक गांव से उठ कर आपने अपनी क्षमता, कठिन परिश्रम, समर्पण और अनुशासन के सहारे देश के शीर्षस्थ पद को सुशोभित किया। राष्ट्र के प्रति आपकी सेवाओं के सम्मान में आपको शीर्षस्थ सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया। भारत की संसद ने आपके योगदान के लिए आपको सर्वश्रेष्ठ सांसद के सम्मान से सम्मानित किया। अपने लंबे और यशस्वी सार्वजनिक जीवन में श्री मुखर्जी जिस भी पद पर रहे, उन्होंने उसकी गरिमा में वृद्धि की। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। ओम शांति।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की और पूर्व राष्ट्रपति को एक मार्गदर्शक करार दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि। भारत रत्न श्री प्रणव मुखर्जी के निधन पर देश शोकाकुल है। देश के विकास यात्रा में उनकी अमिट छाप है। वे एक विद्वान और कुशल राजनीतिज्ञ थे। सभी राजैनितक दल और समाज के हर-एक वर्ग में उनकी पहुंच थी।  उन्होंने अपने राजनैतिक सफ़र के दौरान आर्थिक व रणनीतिक मंत्रालयों में योगदान दिया है। वे एक बेहतरीन सांसद थे।  भारत के राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने आम लोगों की पहुंच राष्ट्रपति भवन में बख़ूबी बढ़ाई। उन्होंने राष्ट्रपति भवन को अन्वेषण, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया। उनके द्वारा राजनैतिक मामलों पर दी गई सलाह मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। साल 2014 में दिल्ली में मैं नया था। पहले दिन से ही मुझे उनका आर्शीवाद, मार्गदर्शन और सहयोग मिला। उनके परिजनों और चाहनेवालों के प्रति संवेदना। ओम् शांति

वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुःख व्यक्त किया। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश ने एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व को खो दिया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि देश के प्रति उनका योगदान अतुलनीय है।



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