मध्य भारत में बाढ़ की स्थिति गंभीर

मध्यप्रदेश में बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए तथा कई गांव पानी में घिर गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। पिछले तीन दिन से लगातार बारिश के कारण देवास, हरदा, सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा, बालाघाट, छिंदवाड़ा, खंडवा समेत कई जिलों में बाढ़ का सबसे अधिक असर हुआ है। नर्मदा नदी के 10 किलोमीटर तक दोनों ओर के क्षेत्रों में बाढ़ का असर देखा जा रहा है।

सरकार ने कहा है कि पीड़ितों  को हर संभव सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो बाढ़ और उसके बाद हालात सुधारने में कोई लापरवाही न बरतें। फिलहाल राज्य में बाढ़ प्रभावित 454 गाँवों से लगभग 11 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सेना के हेलीकॉप्टर से 267 लोगों को एयर लिफ्ट किया गया है.. 170 राहत शिविर में भोजन, दवाओं, और साफ पानी जैसी सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। बचाव कार्यों में सेना, एन.डी.आर.एफ., एस.जी.आर.एफ., पुलिस, होमगार्ड सहित राजस्व का पूरा अमला लगा हुआ है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हालात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी है।

कई घंटों की लगातार बारिश के कारण महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के कुछ जिलों और नागपुर के कई स्थानों से करीब 14 हजार लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रभावित लोगों के लिए 83 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। नागपुर के अलावा पूर्वी विदर्भ के गढ़चिरौली, चंद्रपुर, भंडारा और गोंदिया जिले में शुक्रवार और शनिवार को भी बारिश हुई।



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