पीएम नरेंद्र मोदी ने 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को किया संबोधित
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि रूस के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने नेतृत्व में भी इस नीति को और आगे बढ़ाएगा. उन्होंने कहा कि भारत जब ब्रिक्स का नेतृत्व संभालेगा, तो डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं और पारंपरिक दवाओं को ब्रिक्स देशों में बढ़ावा देगा.
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अपने मज़बूत औषधि क्षेत्र की बदौलत भारत कोविड महामारी के प्रकोप के दौर में डेढ़ सौ से अधिक दशों को दवाएं उपलब्ध कराने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि भारत की टीका-निर्माण और इन्हें उपलब्ध कराने की क्षमता से भी समूची मानवता को फायदा होगा.
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत, ब्रिक्स के अपने सहयोगियों से मदद की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन आज के वक्त की ज़रूरतों के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं और विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत बहुपक्षीयता की धारणा पर विश्वास करता आया है और भारतीय परंपरा में समूचे विश्व को अपना परिवार माना जाता है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित जीवन मूल्यों के प्रति पूरी तरह वचनबद्ध है. श्री मोदी ने कहा कि इस साल के सम्मेलन का मुख्य विषय- वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवाचार आधारित विकास, केवल समसामयिक महत्व के विषय नहीं हैं, बल्कि यह भविष्य पर भी आधारित है. उन्होंने कहा कि दुनिया में बड़े भू-रणनीतिक बदलाव हो रहे हैं जिनका असर वैश्विक स्थिरता, सुरक्षा और विकास पर पड़ेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि भारत के 25 लाख सैनिकों ने यूरोप, अफ्रीका तथा दक्षिण पूर्व एशिया जैसे अनेक मोर्चों में दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया.
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