विदेश मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बड़े स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर दिया बल

विदेश मंत्री ने कल 15वें पूर्वी एशिया सम्‍मेलन में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया। सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता आसियान के अध्‍यक्ष के रूप में वियतनाम के प्रधानमंत्री न्‍गुयेन जुआंन फुक ने की। ऑन लाइन आयोजित इस सम्‍मेलन में पूर्वी एशिया के सभी 18 देशों ने हिस्‍सा लिया। डॉ एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में पूर्वी एशिया सम्‍मेलन के महत्‍व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और इसे नेताओं के लिए रणनीतिक मुद्दों पर विचारों के आदान प्रदान का मंच बताया। उन्‍होंने अंतर्राष्‍ट्रीय विधि, क्षेत्रीय अखण्‍डता और सम्‍प्रभुता तथा नियम आधारित वैश्विक व्‍यवस्‍था पर जोर दिया।

पूर्वी एशिया सम्‍मेलन में शामिल नेताओं को कोविड-19 महामारी से निपटने के भारत के प्रयासों और अंतर्राष्‍ट्रीय समुदायों को दिए भारत के सहयोग के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सभी देशों को किफायती और पहुंच वाली कोविड वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराने के लिए मदद करने को प्रतिबद्ध हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि हिन्‍द प्रशांत समुद्री क्षेत्र में सभी देशों की रुचि बढ़ रही है। यह आसियान का केन्‍द्र भी है। उन्‍होंने आसियान और भारत के हिन्‍द प्रशांत महासागर पहल के बीच समानता की सराहना की। चीन सागर में हो रही गतिविधियों पर डॉ. जयशंकर ने चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि इस संबंध में बातचीत तीसरे पक्षों के पूर्वाग्रह से ग्रस्‍त नहीं होनी चाहिए। यह बातचीत संयुक्‍त राष्‍ट्र समझौते के समुद्र संबंधित प्रावधानों के अनुसार होनी चाहिए। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि कोविड के बाद की स्थिति, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग की जरूरत है।
 



https://ift.tt/eA8V8J
from DDNews Feeds https://ift.tt/3f2ZI7u

Comments

Popular posts from this blog

खेलो इंडिया युवा खेल का तीसरा चरण अगले साल गुवाहाटी में

IPL 2019: मुंबई से आज भिड़ेगी कोलकाता

Raj Rajeshwar Yoga: क्या आपकी कुंडली में है राज राजेश्वर योग?